साल 2024 में पहला सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse 2024) 8 अप्रैल को लगेगा। इस दौरान चांद पूरी तरह से सूरज को ढक लेगा और दिन में रात जैसा नजारा दिखेगा ।
भारत में सूर्य ग्रहण और उसके प्रभाव
साल 2024 का पहला सूर्य ग्रहण चैत्र अमावस्या के दिन लगने जा रहा है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन राहु और केतु सूर्य का ग्रास करने के लिए आते हैं, इसी वजह से सूर्य ग्रहण लगता है और यह हमेशा अमावस्या के दिन ही होता है , इसके पीछे का कारण सागर मंथन से प्राप्त अमृत के पान से जुड़ा है. सूर्य देव पर ग्रहण लगता है तो उसका सूतक काल 12 घंटे पहले ही प्रारंभ हो जाता है. ऐसे में इस सूतक काल में मांगलिक कार्य करना सही नहीं माना जाता है . 8 अप्रैल लगने वाला साल का पहला सूर्य ग्रहण 09:12 पीएम से प्रारंभ होगा और वह देर रात 01:25 एएम पर खत्म हो जाएगा. ग्रहण के 12 घंटे पहले से ही सूतक काल प्रारंभ होगा और ग्रहण के समापन के साथ ही उसका भी अंत हो जाएगा.
ऐसे में भारत में सूर्य ग्रहण कब लगेगा? सूर्य ग्रहण का सूतक काल कब से है? साल 2024 का पहला सूर्य ग्रहण कहां कहां दिखाई देगा? इन सबका यही जवाब है कि भारत में यह सूर्य ग्रहण नहीं दिखेगा, इसलिए भारत में सूतक काल नहीं लगेगा क्यूंकि ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, जब किसी क्षेत्र विशेष में सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण लगता है, तभी उसका सूतक काल भी मान्य होता है. यदि सूर्य ग्रहण भारत में नहीं लग रहा है तो उसका सूतक काल का प्रभाव भी भारत में नहीं होगा.
पूर्ण सूर्य ग्रहण क्या होता है और सामान्य सूर्य ग्रहण से क्या अन्तर होता है
जब सूर्य का एक भाग छिप जाता है तो उसे आंशिक सूर्यग्रहण कहते हैं लेकिन जब सूरज कुछ देर के लिए पूरी तरह से चंद्रमा के पीछे छिप जाता है तो उसे पूर्ण सूर्य ग्रहण कहते है इस समय चन्द्रमा की छाया पृथ्वी के जिस भाग पर पड़ती है उसी भाग पर खड़े लोग ही पूर्ण सूर्य ग्रहण देख सकते है उस विशेष भाग के अलावा उसके आस पास के एरिया में आंशिक सूर्य ग्रहण होता है